कोई_शहर_था_जिस_की_एक_गली_मेरी_हर_आहट_पहचानती_थी _मेरे_नाम_का_एक _दरवाजा_था_एक_खिड़की_मुझे_जानती_थी

अरे जनाब दोस्त बनाकर तो देखिये हमे
 पछतायेंगे नहि आप
 की समंदर की लहरों में जो दुब जाये 
ऐसी कश्ती  नहीं हम
 और मुस्किलो में साथ छोड़ जाये
 ऐसी हस्ती नहीं है हम 


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मेरा मयार नहीं मिलता
 मैं आवारा नहीं फिरता
 मुझे सोच के खोना
 मैं दोबारा नहीं मिलता 

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उसको फुरसत नहीं मिलती के पलट कर देखे 
हम ही दीवाने हैं दीवाने बने रहते है 

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बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं 
लगेगा , लगने लगा है , मगर लगेगा नहीं 

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ये किस से इश्क़ का कानून पढ़ कर आ गये हो 
मोहब्त और मोहबत में बदन पगला गए हो 
तुम्हारा मुस्कुराना जान ले लेता था मेरी 
बिछड़ कर खुश तो हो लेकिन बहुत मुरझा गए हो 







 

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