एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है!
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है!
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद!
फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है!
💕💕🍁💕🍁💕🍁💕🍁
मुझे तुमसे बस एक अमानत चाहिए
तुमसे ज्यादा तुम्हारी मोहब्बत चाहिए
जिस्म के पीछे तो पागल है दुनिया
मुझे सिर्फ तुम्हारी रजामंदी चाहिए
कह दो तो ज़माने से बगावत कर लूं
दिल में रहने की इज़ाज़त चाहिए
हर पल खुद को मरते हुए देखा है
अब तेरे संग जीने की जमानत चाहिए
🌺🌸🌺🌺🌸🌸🌺🌺🌸🌺🌸
Comments
Post a Comment